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सुप्रभातम्
««« आज का पञ्चांग »»»
कलियुगाब्द…………………….5124
विक्रम संवत्……………………2079
शक संवत्………………………1944
रवि…………………………दक्षिणायन
मास…………………………..कार्तिक
पक्ष………………………………कृष्ण
तिथी………………………….चतुर्दशी
संध्या 05.22 पर्यंत पश्चात अमावस्या
सूर्योदय…………प्रातः 06.27.06 पर
सूर्यास्त………..संध्या 05.54.41 पर
सूर्य राशि………………………..तुला
चन्द्र राशि………………………कन्या
गुरु राशि………………………..मीन
नक्षत्र…………………………….हस्त
दोप 02.19 पर्यंत पश्चात चित्रा
योग……………………………वैधृति
दोप 02.19 पर्यंत पश्चात विष्कुम्भ
करण…………………………..शकुन
संध्या 05.22 पर्यंत पश्चात चतुष्पद
ऋतु……………………….(उर्ज) शरद
दिन……………………….सोमवार
राष्ट्रीय सौर कार्तिक, दिनांक ०२
( उर्जमास ) !
आंग्ल मतानुसार दिनांक
२४ अक्टूबर सन् २०२२ ईस्वी !
⚜️ तिथी/पर्व/व्रत विशेष :-
दीपावली या दीवाली अर्थात “रोशनी का त्योहार” शरद ऋतु में हर वर्ष मनाया जाने वाला एक प्राचीन सनातनी हिंदू त्योहार है । यह त्योहार आध्यात्मिक रूप से अंधकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है । ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ अर्थात् ‘अंधेरे से ज्योति अर्थात प्रकाश की ओर जाइए’यह उपनिषदों की आज्ञा है। इसे सिख, बौद्ध तथा जैन धर्म के लोग भी मनाते हैं। जैन धर्म के लोग इसे महावीर के मोक्ष दिवस के रूप में मनाते हैं तथा सिख समुदाय इसे बन्दी छोड़ दिवस के रूप में मनाता है। माना जाता है कि दीपावली के दिन अयोध्या के राजा मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अपने चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात लौटे थे । अयोध्यावासियों का ह्रदय अपने परम प्रिय राजा के आगमन से प्रफुल्लित हो उठा था। श्री राम के स्वागत में अयोध्यावासियों ने घी के दीपक जलाए । कार्तिक मास की सघन काली अमावस्या की वह रात्रि दीयों की रोशनी से जगमगा उठी । तब से आज तक भारतीय प्रति वर्ष यह प्रकाश-पर्व हर्ष व उल्लास से मनाते हैं ।
दीपावली स्वच्छता व प्रकाश का पर्व है। कई सप्ताह पूर्व ही दीपावली की तैयारियाँ आरंभ हो जाती हैं। लोग अपने घरों, दुकानों आदि की सफाई का कार्य आरंभ कर देते हैं। घरों में मरम्मत, रंग-रोगन, सफ़ेदी आदि का कार्य होने लगता है। लोग दुकानों को भी साफ़ सुथरा कर सजाते हैं। बाज़ारों में गलियों को भी सुनहरी झंडियों से सजाया जाता है। दीपावली से पहले ही घर-मोहल्ले, बाज़ार सब साफ-सुथरे व सजे-धजे नज़र आते हैं। दीपावली शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के दो शब्दों ‘दीप’ अर्थात ‘दिया’ व ‘आवली’ अर्थात ‘लाइन’ या ‘श्रृंखला’ के मिश्रण से हुई है। इसके उत्सव में घरों के द्वारों, घरों व मंदिरों पर लाखों प्रकाशकों को प्रज्वलित किया जाता है । दीपावली जिसे दिवाली भी कहते हैं ।
दीपावली से जुड़ी 10 प्रमुख ऐतिहासिक घटनाएं…
- लक्ष्मी अवतरण – कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मां लक्ष्मी समुद्र मंथन द्वारा धरती पर प्रकट हुई थीं। दीपावली के त्योहार को मनाने का सबसे खास कारण यही है। इस पर्व को मां लक्ष्मी के स्वागत के रूप में मनाते हैं और हर घर को सजाया संवारा जाता है ताकि मां का आगमन हो।
- भगवान विष्णु द्वारा लक्ष्मी जी को बचाना – इस घटना का उल्लेख हमारे शास्त्रों में मिलता है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेकर राजा बलि से माता लक्ष्मी को मुक्त करवाया था।
- भगवान राम की विजय – रामायण के अनुसार इस दिन जब भगवान राम, सीताजी और भाई लक्ष्मण के साथ 14 वर्ष का वनवास पूर्ण कर अयोध्या वापिस लौटे थे। उनके स्वागत में पूरी अयोध्या को दीप जलाकर रौशन किया गया था।
4 नरकासुर वध – भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध कर 16000 स्त्रियों को इसी दिन मुक्त करवाया था। इसी खुशी में दीपावली का त्यौहार दो दिन तक मनाया गया और इसे विजय पर्व के नाम से जाना गया।
5 पांडवों की वापसी – महाभारत के अनुसार जब कौरव और पांडव के बीच होने वाले चौसर के खेल में पांडव हार गए, तो उन्हें 12 वर्ष का अज्ञात वास दिया गया था। पांचों पांडव अपना 12 साल का वनवास समाप्त कर इसी दिन वापस लौटे थे। उनके लौटने की खुशी में दीप जलाकर खुशी के साथ दीपावली मनाई गई थी। - विक्रमादित्य का राजतिलक – राजा विक्रमादित्य के राजतिलक का प्रसंग भी इसी दिन से जुड़ा हुआ है। बताया जाता है कि राजा विक्रमादित्य का राजतिलक इस दिन किया गया था, जिससे दिवाली का महत्व और खुशियों दुगुनी हो गईं।
- आर्य समाज – स्वामी दयानंद सरस्वती द्वारा आर्य समाज की स्थापना भी इसी दिन की गई थी। इस कारण भी दीपावली का त्योहार विशेष महत्व रखता है।
- जैन धर्म – दीपावली का दिन जैन संप्रदाय के लोगों के लिए भी विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। जैन धर्म इस पर्व को भगवान महावीर जी के मोक्षदिवस के रूप में मनाता है। ऐसा माना जाता है कि कार्तिक मास की अमावस्या के दिन ही भगवान महावीर को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी।
- सिक्खों धर्म – सिख धर्म के लिए भी दीपावली बहुत महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन को सिख धर्म के तीसरे गुरु अमरदास जी ने लाल पत्र दिवस के रूप में मनाया था जिसमें सभी श्रद्धालु गुरु से आशीर्वाद लेने पहुंचे थे। इसके अलावा सन् 1577 में अमृतसर के हरिमंदिर साहिब का शिलान्यास भी दीपावली के दिन ही किया गया था।
10 सन् 1619 में सिक्ख गुरु हरगोबिन्द जी को ग्वालियर के किले में 52 राजाओं के साथ मुक्त किया जाना भी इस दिन की प्रमुख ऐतिहासिक घटना रही है। इसलिए इस पर्व को सिक्ख समाज बंदी छोड़ दिवस के रूप में भी मनाता हैं। इन राजाओं व हरगोबिंद सिंह जी को मुगल बादशाह जहांगीर ने नजरबंद किया हुआ था।
कार्तिक अमावस्या की पूजा अमा तिथि प्रदोष एवं निशीथ काल मे श्रेस्यकर है अतः 24 को चतुर्दशी बीतने पर 05.22 पर्यन्त मान्य होगी… परंतु पंचपर्वा दीपोत्सव में प्रातःकाल से ही पूजन विधि मान्य होगी…
मुहूर्त :
कलम दवात संवारने एवं कार्यालय/व्यवसाय/निवास स्थान पर श्रीपुजन दीपदान का :
प्रातः 06.30 से 07.55 पर्यन्त – अमृत वेला
प्रातः 09.19 से 10.44 पर्यन्त – शुभ वेला
दोप 01.34 से 02.59 पर्यन्त – चंचल वेला
दोप 02.59 से 05.49 पर्यन्त – लाभ अमृत वेला
सायं 05.49 से 07.24 पर्यन्त – चंचल वेला
रात्रि 10.35 से 12.10 पर्यन्त – लाभ वेला
अभिजित वेला :
दोप 11.48 से 12.33 पर्यन्त ।
गोधूलि प्रदोष वेला :
संध्या 05.59 से 08.32 पर्यन्त।
स्थिर संज्ञक लग्न वेला :
प्रातः 08.16 से 10.32 पर्यन्त – वृश्चिक लग्न
दोप 02.25 से 03.58 पर्यन्त – कुम्भ लग्न
सायं 07.10 से 09.09 पर्यन्त – वृषभ लग्न (श्रेष्ठ)
रात्रि 01.39 से 03.50 पर्यन्त – सिंह लग्न (कनकधारा स्तोत्र से विशेष श्रीकारक पूजा)
विशेष : पंच पर्वा दीपोत्सव के समस्त दिवस माता महालक्ष्मी की पूजा के है अतः अपनी कुलपरंपरा के अनुरूप पूजा करे, कतिपय सोशल मीडिया वीडियो माता महालक्ष्मी को चंचला बतलाकर माता की आरती करने से मना कर रहे है, ऐसा कुछ भी ना करे जो आपके परंपरागत पूजन क्रम को बाधित करता हो, आनंद से माता महालक्ष्मी का यथा संभव उपचारों से पूजन आरती भोग सेवा करे माता महालक्ष्मी की कृपा सभी पर सदैव बनी रहे ।
⚜️ अभिजीत मुहूर्त :-
दोप 11.48 से 12.33 तक ।
राहुकाल :-
प्रात: 07.55 से 09.20 तक ।
उदय लग्न मुहूर्त :-
तुला
06:01:28 08:16:06
वृश्चिक
08:16:06 10:32:17
धनु
10:32:17 12:37:54
मकर
12:37:54 14:25:02
कुम्भ
14:25:02 15:58:35
मीन
15:58:35 17:29:47
मेष
17:29:47 19:10:30
वृषभ
19:10:30 21:09:09
मिथुन
21:09:09 23:22:50
कर्क
23:22:50 25:39:01
सिंह
25:39:01 27:50:49
कन्या
27:50:49 30:01:28
दिशाशूल :-
पूर्व दिशा- यदि आवश्यक हो तो दर्पण देखकर यात्रा प्रारंभ करें ।
☸ शुभ अंक………………..1
शुभ रंग………………सफ़ेद
✡ चौघडिया :-
प्रात: 06.30 से 07.55 तक अमृत
प्रात: 09.19 से 10.44 तक शुभ
दोप. 01.34 से 02.59 तक चंचल
अप. 02.59 से 04.24 तक लाभ
सायं 04.24 से 05.49 तक अमृत
सायं 05.49 से 07.24 तक चंचल
रात्रि 10.35 से 12.10 तक लाभ |
आज का मंत्र :-
॥ ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नमः ॥
॥ ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम: ॥
महालक्ष्मी गायत्री मंत्र :-
॥ ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ ॥
संस्कृत सुभाषितानि :-
त्वयि मयि चान्यत्रैको विष्णुः, व्यर्थं कुप्यसि मय्यसहिष्णुः।
भव समचित्तः सर्वत्र त्वं, वाञ्छस्यचिराद्यदि विष्णुत्वम्॥२४॥
अर्थात :
तुममें, मुझमें और अन्यत्र भी सर्वव्यापक विष्णु ही हैं, तुम व्यर्थ ही क्रोध करते हो, यदि तुम शाश्वत विष्णु पद को प्राप्त करना चाहते हो तो सर्वत्र समान चित्त वाले हो जाओ॥२४॥
आरोग्यं :-
पटाखों से हाथ जलने पर तुरंत उपचार –
फर्स्ट एड ट्रीटमेंट –
दिवाली के दिन पटाखों से कोई अनहोनी न हो इसके लिए जरूरी है कि आप अपना फर्स्ट एड बॉक्स बिल्कुल तैयार रखें जिससे आप तुरंत उपचार की दिशा में कोई प्रभावी कदम उठा सकें।
कपड़े और एसेसरीज –
पटाखे से जलने पर बहुत जरूरी है कि उस हिस्से से कपड़े या एसेसरीज को तुरंत हटाएं। किसी भी प्रकार का कपड़ा, अंगूठी, बेल्ट, जूता ऐसी स्थिति में हानिकारक हो सकता है।
जले को तुरंत ठंडक पहुँचाएं –
जलने की स्थिति में तुरंत आराम के लिए सबसे पहले जले हुए हिस्से को ठंडक पहुंचाएं। उस हिस्से को नल के नीचे रखें जब तक दर्द का एहसास थोड़ा कम न हो। या फिर आप वहां बर्फ, मक्खन और ठंडे पाने में भिगोए कपड़े से भी सेंक सकते हैं। इससे भी तुरंत आराम मिलेगा।
कवर करें –
जला हुआ हिस्सा जब थोड़ा ठंडा हो जाए तो 15-20 मिनट बाद उसपर कोई ऑइनमेंट क्रीम लगाएं और उसे साफ व सूखे कपड़े या बैंडेज से कवर करें।
आंखों को ऐसे दें राहत –
अगर आंखों में कोई चिंगारी चली जाए या पटाखे से जल जाए तो तुरंत आंखों को पानी से साफ करें और तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। अगर आप कॉन्टैक्ट लेन्स पहनते हैं तो आंखों को पानी से साफ करने के पहले लेन्स हटाना न भूलें।
जब कपड़ों में आग लग जाए –
अगर पटाखे जलाते वक्त कपड़ों में आग लग जाए तो तुरंत जमीन पर खुद को रोल करें जिससे तुरंत आग बुझ सके। इसके बाद जैकेट या कंबल से व्यक्ति को पूरी तरह कवर करना चाहिए और डॉक्टर को दिखाएँ।
घरेलू उपचार –
छोटे घाव को ठीक करने के लिए उसपर नारियल का तेल, नीम का तेल, एलोवेरा या शहद लगाने से भी तुरंत आराम मिलता है। लेकिन घाव को समय रहते डॉक्टर से दिखाने में कोई बुराई नहीं।
. ⚜ आज का राशिफल ⚜
राशि फलादेश मेष :-
(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)
पुराना रोग उभर सकता है। योजना फलीभूत होगी। कार्यस्थल पर परिवर्तन संभव है। विरोधी सक्रिय रहेंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी। मित्रों की सहायता कर पाएंगे। आय में वृद्धि होगी। शेयर मार्केट से लाभ होगा। नौकरी में प्रभाव वृद्धि होगी। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। घर-परिवार में सुख-शांति रहेगी। जल्दबाजी न करें।
राशि फलादेश वृष :-
(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
व्यवसाय में ध्यान देना पड़ेगा। व्यर्थ समय न गंवाएं। पूजा-पाठ में मन लगेगा। कानूनी अड़चन दूर होगी। जल्दबाजी से हानि संभव है। थकान रहेगी। कुसंगति से बचें। निवेश शुभ रहेगा। पारिवारिक सहयोग प्राप्त होगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। दूसरों के काम में हस्तक्षेप न करें। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।
राशि फलादेश मिथुन :-
(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)
घर-परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। वाणी पर नियंत्रण रखें। चोट व दुर्घटना से बड़ी हानि हो सकती है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। फालतू खर्च होगा। विवाद को बढ़ावा न दें। अपेक्षाकृत कार्यों में विलंब होगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। आय में निश्चितता रहेगी। शत्रुभय रहेगा।
呂 राशि फलादेश कर्क :-
(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
कानूनी अड़चन दूर होकर लाभ की स्थिति निर्मित होगी। प्रेम-प्रसंग में जोखिम न लें। व्यापार में लाभ होगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। निवेश में सोच-समझकर हाथ डालें। शत्रु पस्त होंगे। विवाद में न पड़ें। अपेक्षाकृत कार्य समय पर होंगे। प्रसन्नता रहेगी। भाग्य का साथ मिलेगा। व्यस्तता रहेगी। प्रमाद न करें।
女 राशि फलादेश सिंह :-
(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता प्राप्त होगी। स्थायी संपत्ति से बड़ा लाभ हो सकता है। समय पर कर्ज चुका पाएंगे। नौकरी में अधिकारी प्रसन्न तथा संतुष्ट रहेंगे। निवेश शुभ फल देगा। घर-परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी, ध्यान रखें।
♀️ राशि फलादेश कन्या :-
(ढ, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। मनपसंद भोजन का आनंद प्राप्त होगा। व्यापार-व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। समय की अनुकूलता का लाभ मिलेगा। व्यस्तता के चलते स्वास्थ्य कमजोर रह सकता है। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। अपने काम पर ध्यान दें। लाभ होगा।
⚖ राशि फलादेश तुला :-
(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
दूर से बुरी खबर मिल सकती है। दौड़धूप अधिक होगी। बेवजह तनाव रहेगा। किसी व्यक्ति से कहासुनी हो सकती है। फालतू बातों पर ध्यान न दें। मेहनत अधिक व लाभ कम होगा। किसी व्यक्ति के उकसाने में न आएं। शत्रुओं की पराजय होगी। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। आय में निश्चितता रहेगी।
廬 राशि फलादेश वृश्चिक :-
(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। चिंता बनी रहेगी। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। मेहनत का फल मिलेगा। कार्यसिद्धि होगी। निवेश लाभदायक रहेगा। व्यापार-व्यवसाय में मनोनुकूल लाभ होगा। सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी। निवेश शुभ रहेगा। व्यस्तता रहेगी।
राशि फलादेश धनु :-
(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)
उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। विरोधी सक्रिय रहेंगे। जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें। बड़ा काम करने का मन बनेगा। झंझटों से दूर रहें। कानूनी अड़चन का सामना करना पड़ सकता है। फालतू खर्च होगा। व्यापार मनोनुकूल लाभ देगा। जोखिम बिलकुल न लें।
राशि फलादेश मकर :-
(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)
नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति संभव है। यात्रा लाभदायक रहेगी। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। कारोबारी बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। निवेश में सोच-समझकर हाथ डालें। आशंका-कुशंका रहेगी। पुराना रोग उभर सकता है। लापरवाही न करें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।
राशि फलादेश कुंभ :-
(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
फालतू खर्च पर नियंत्रण रखें। बजट बिगड़ेगा। कर्ज लेना पड़ सकता है। शारीरिक कष्ट से बाधा उत्पन्न होगी। लेन-देन में सावधानी रखें। अपरिचित व्यक्तियों पर अंधविश्वास न करें। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। आय होगी। संतुष्टि नहीं होगी।
राशि फलादेश मीन :-
(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
यात्रा लाभदायक रहेगी। डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है, प्रयास करें। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। शेयर मार्केट से बड़ा लाभ हो सकता है। संचित कोष में वृद्धि होगी। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। कारोबारी सौदे बड़े हो सकते हैं। व्यस्तता के चलते स्वास्थ्य प्रभावित होगा, सावधानी रखें।
. ‼️ ️ नमः शिवाय ‼️
☯ आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ☯
. ‼️ भरत भार्गव ज्योतिष ‼️
. ‼️ शुभम भवतु ‼️
. ‼️ जयतु भारती ‼️
. ‼️ भारत माता जय ‼️
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